बाहर का खाना खाने से हुई किडनी खराब, डॉ. पुनीत धवन ने की ठीक
मेरा नाम भानु है और मैं पंजाब का
रहने वाला हूँ, कुछ साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी जिसके कारण मुझे काफी लंबा
समय हॉस्पिटल में गुजरना पड़ा। डॉक्टर ने उस समय मुझसे कहा था कि अगर मैं डायलिसिस
करवाता रहूँगा तो मेरी किडनी जल्द ही ठीक हो जायगी। लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं
हुआ, जिसके कारण मुझे किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में भी सोचना पड़ा। पर मैं
खुशकिस्मत हूँ कि मैं बिना ट्रांसप्लांट के ही ठीक हो गया।
मुझे बाहर का खाने का बहुत ज्यादा
शौक था जिसके कारण मुझे कई बार पेट से जुडी हुई कई दिक्कते हो जाती थी। मैं अपने
आप पर काफी काबू भी करता था, लेकिन ठीक होने के बाद मैं फिर से बाहर का खाना शुरू
कर देता था। मुझे इसके कारण एक दो बार हॉस्पिटल में भी एडमिट होना पड़ा था, किडनी
खराब होने से छः महीने पहले मेरा लीवर काफी कमजोर हो गया था। जिसके कारण डॉक्टर ने
मुझसे कहा था कि अगर मैंने बाहर का खान खाना बंद नहीं किया तो मुझे गंभीर परिणामों
का सामना करना पड़ सकता है और ऐसा ही हुआ।
मिआने चेतावनी के बाद भी बाहर का
खाना जारी रखा, जिसके कारण मुझे फिर से पेट की दिक्कते शुरू हो गई और उसके साथ ही
मुझे पेशाब की दिक्कत भी होने लगीं और शरीर के हिस्सों में सूजन भी आ गई थी। मेरे
पैरों में सूजन आने के कारण मुझे चलने फिरने में दिक्कत होने लगी थी, मेरी हालत
लगातार खराब होती जा रही थी, जिसके कारण मुझे हॉस्पिटल में एडमिट भी होना पड़ा।
जहाँ पर डॉक्टर ने मुझे बहुत सारे टेस्ट करवाने को कहा। जिनकी रिपोर्ट्स आने के
बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी खराब हो चुकी है और अब मुझे जल्द से जल्द
डायलिसिस शुरू करवाना होगा।
लुच ही दिनों में मेरा डायलिसिस
होना शुरू हो गया, जिससे मुझे काफी तकलीफ हो रही थी लेकिन किडनी ठीक करने के लिए
मैंने अगले दो महीने तक लगातार डायलिसिस करवाया। दो महीने तक डायलिसिस करवाने से
जब मुझे कोई लाभ नहीं मिला था तो डॉक्टर ने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने को कह
दिया, जिसके लिए थोडा समय माँगा। एक दिन मेरा एक दोस्त मुझे मिलने आया तो उसने
मुझसे आयुर्वेदिक उपचार लेने को कहा, उसने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा
आयुर्वेदा नाम से एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है जहाँ पर बिना डायलिसिस के ही खराब
किडनी को ठीक किया जाता है।
मैंने उसकी बात मानी और कुछ ही
दिनों में दिल्ली चला गया, कर्मा आयुर्वेदा पहुंचे के बाद मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत
धवन से हुई। मैने उनको अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने
मुझसे कहा कि मैं ही ठीक हो जाऊंगा बस खाने पीने पर काबू करना होगा और समय पर
दवाएं लेनी होगी। मैंने उनकी बात मानते हुए आयुर्वेदिक दवाएं खानी शुरू कर दी,
जिससे मुझे हफ्ते के भीतर ही अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगा। मुझे सबसे पहले
पेशाब की दिक्कत से छुटकारा मिल गया और महीने भर में ही मुझे सूजन से भी छुटकारा
मिल गया, जिससे चलने फिरने में आने वाली दिक्कत दूर हो गई। देखते ही देखते ही मेरी
दोनों किडनियां पहले की तरह ठीक हो गई और आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ।
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