काले खाने के फायदें और नुकसान


अगर काले के पोषक तत्वों की बात करे तो आपको बता दें कि इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व मिलते हैं जो ना केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि हमें कई बीमारियों से भी बचा कर रखते हैं। काले के अंदर आपको विटामिन के साथ साथ बहुत से खनिज भी मिलते हैं, इसके पोषक तत्वों के कारण ही से सुपर फ़ूड की श्रेणी में रखा गया है। काले में आपको फाइबर, कैलोरी, कोलेस्ट्रोल, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम मिलता है। विटामिन्स की बात करे तो काले में आपको विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन बी 12, और विटामिन डी मिलता है। इसमें फैट भी मिलता है इसमें आपको सैचुरेटेड फैट, पॉलीअनसेचुरेटेड फैट, और मोनौंसतुरतेड़ फैट मिलता है, लेकिन यह बहुत कम मात्रा में होता है।
रोगों में काले कैसे हैं फायदेमंद?
काले के पोषक तत्वों से आप भली भाँती परिचित हो चुके हैं। इसके सेवन आप कई बीमारी से बड़ी आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। यह आपकी आँखों को रौशनी देने के साथ आपको मधुमेह से मुक्ति, सुंदर त्वचा और काले बाल देने के अलावा आपकी किडनी को भी स्वस्थ रखने में योगदान देता है। इसके सेवन से आपकी किडनी कई ऐसी समस्याओं से दूर रहती है जिनके कारण उसके खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।
काले आपकी किडनी को इस प्रकार स्वस्थ रखती है :-
मधुमेह –
अगर मधुमेह रोगी अपने आहार में करम साग को शामिल करे तो निश्चित ही उन्हें इसका काफी फायदा होगा। इसके अंदर फाइबर मिलता है जो मीठे की मात्रा को कम करने में मदद करता है। यह टाइप – 2 मधुमेह रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसमें मौजूद फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। साथ ही इन्सुलिन बनाने में भी मदद करता है। इसके अलावा काले में एंटीओक्सिडेंट तत्व मिलते हैं जिन्हें अल्फा–लिपोइक एसिड के नाम से जाना जाता है। यह एसिड रक्त में मौजूद ग्लुगोज़ के लेवल को कम करने में सक्षम होता है। काले रक्त शर्करा, इन्सुलिन और लिपिड्स स्तर को सुधारने में मदद करता है।
पथरी –
करम साग के सेवन से शरीर में किसी भी प्रकार की पथरी बनने का खतरा नहीं रहता। इसमें फाइबर होता है जो पाचन तन्त्र को दुरुस्त रखता है जिससे किडनी पर भार नहीं पड़ता। यह मूत्र वर्धक की तरह काम करता है जिसके कारण पथरी पेशाब के साथ किडनी से बाहर निकल जाती है।
हड्डियों को मजबूत करे –
हड्डियों को मजबूत करने के लिए ना केवल कैल्शियम की जरूरत होती है बल्कि विटामिन K की भी काफी जरूरत पड़ती है। काले में विटमिन k अच्छी मात्रा में मिलता है। काले के सेवन से शरीर में विटमिन K की पूर्ति होती, जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा नहीं रहता। इसके अलावा काले से शरीर को कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में मिलता है। विटामिन K की मात्रा में सुधार होने के बाद शरीर में ‘बोन मैट्रिक्स प्रोटींस’ की मात्रा में सुधार होना शुरू हो जाता है। ऐसा होने से कैल्शियम पेशाब के द्वारा व्यर्थ नहीं होता। आपको बता दें की किडनी खराब होने पर अक्सर पेशाब के जरीय शरीर में मौजूद पोषक तत्व बाहर आ जाते हैं।
रक्त करे साफ़ –
किडनी का विशेष कार्य होता है रक्त साफ करना। लेकिन किडनी खराब हो जाने के बाद वह अपने इस कार्य को नहीं कर पाती, जिसके बाद रोगी को रक्त्शोधन के लिए डायलिसिस का सहारा लेना पड़ता है। वहीं करम साग यानि काले एक प्राकृतिक रक्त शोधक सब्जी है। इसके अब्द्र विटामिन K अच्छी मात्रा में मिलता है जो रक्त साफ़ करने में मदद करता है। विटामिन K ना केवल रक्त शोधन मे मदद करता है बल्कि रक्त संचालन में भी मददगार है। तेज़ी से लाभ लेने के लिए आप इसके जूस और सूप का सेवन कर सकते हो या फिर इसे साग के रूप में इस्तेमाल करे।
दिल रखे तंदरुस्त –
काले दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। इसमें फाइबर, पोटेशियम, विटामिन K, विटामिन सी के साथ विटामिन बी 6 अची मात्रा में मिलता है। यह सभी तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। विटामिन K रक्त शोधन और रक्त संचालन में सुधार के जरिये दिल को स्वस्थ रखता है। वहीं पोटेशियम शरीर में अतिरिक्त सोडियम को कम कर रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है। पोटेशियम का सेवन कम मात्रा ही करना चाहिए, इसकी अधिक मात्रा होने पर किडनी की कार्यक्षमता कम होने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या काले खाने से कोई नुकसान भी होता है?
करम साग यानि काले भले ही गुणों से भरपूर है लेकिन इसके भी कुछ नकारात्मक प्रभाव देखे गये हैं। इसलिए इसके सेवन में हमें सावधानियों का ध्यान रखना जरुरी होता है। काले के दुष्प्रभाव निम्नलिखित है –
·         इसके अंदर पोटेशियम काफी मात्रा में मिलता है जो रक्त को पतला कर सकता है। इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा में ना करे। पोटेशियम की अधिक मात्रा होने से किडनी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।
·         यह एक प्राकृतिक मूत्र वर्धक है इसलिए इसका सेवन कम ही करना चाहिए। ज्यादा मात्रा में सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
·         गर्भवती महिलों के लिए करम साग बहुत अच्छा माना जनता है, लेकिन सिमित मात्रा में। क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो भूर्ण के पेट में सूजन का कारक बन सकता है। इसके आलावा यह महिला के पेट में गैस भी पैदा कर सकता है।
·         पोटेशियम शरीर के अच्छा माना जाता है लेकिन अधिक मात्रा में लेने से किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए काले का सेवन सप्ताह में एक से तीन बार ही करे।  
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-
आयुर्वेद किसी चमत्कार से कम नहीं है जो काम एलोपैथी उपचार नहीं कर सकता उसे आयुर्वेद बड़ी आसानी से करने की ताक़त रखता है। कर्मा आयुर्वेदाकिडनी फेल्योर का आयुर्वेद की मदद से सफल उपचार करता है। कर्मा आयुर्वेदा बिना किसी डायलिसिस और बिना किडनी ट्रांसप्लांट के ही खराब किडनी को ठीक करता है। वर्ष 1937 में कर्मा आयुर्वेदा की नीव धवन परिवार द्वारा रखी गयी थी तभी से कर्मा आयुर्वेदा किडनी फेल्योर के रोगियों को इस जानलेवा बीमारी से छुटकारा दिलाता आ रहा है। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेद की बागडोर को संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने अभी तक 35 हजार से भी ज्यादा रोगियों को किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी से छुटकारा दिलवाया है, वो भी बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट किये।



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