आयुर्वेद द्वारा किडनी की पुटी का उपचार
पुटी से मतलब है तरल प्रदार्थ से भरा हुआ थैला या फोड़ा। पुटी को आम भाषा में सिस्ट कहा जाता है। सिस्ट न केवल किडनी बल्कि शरीर के कई अंगों पर बन जाते हैं। किडनी पर पुटी यानि सिस्ट का बनना एक गंभीर रोग है, वैज्ञानिक भाषा में इसे पॉलीसिस्टिक किडनी रोग के नाम से जाना जाता है। बाकि किडनी रोगों से यह रोग भिन्न है, क्योंकि यह एक वंशानुगत किडनी रोग है। बाकि किडनी रोग हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल और अन्य स्वस्थ कारणों के चलते होती है , लेकिन पॉलीसिस्टिक किडनी रोग हमारे पूर्वजों के कारण होता है। यदि आपके किसी पूर्वज को किडनी की इस बीमारी की समस्या रही हो तो आपको भी यह रोग होने की आशंका रहती है, क्योंकि यह आपको विरासत में मिलता है। क्रोनिक किडनी रोग के मुकाबले यह किडनी रोग अधिक फैलता है। इस रोग में किडनी किडनी खराब होने का खतरा कम होता है, लेकिन अगर समय पर उचित उपचार ना मिले तो रोगी की जान तक भी जा सकती है। पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज एक प्रकार का ऑटोसोमल डोमिनेन्ट वंशानुगत रोग है , यह अधिकतर वयस्कों में पाया जाता है। इस रोग में मरीज के बाद उसकी संतान को किडनी रोग होने की 50% तक की आशंका रहती है। पीक...