गाउट होने के क्या कारण है?


हड्डियों के बीच यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से गाउट की समस्या हो जाती है, जो एक प्रकार का गठिया रोग ही होता है जिसमें शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द रहने लगता है। यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना एक तत्व होता है, जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड के रूप में प्राप्त होता है। यूरिक एसिड उन चीजों के मेल से बनता है, जो आप खाते हैं।

जब किडनी सही तरह फिल्टर नहीं कर पाती है, तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित होकर हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। हड्डियों के बीच यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से गाउट हो जाता है, जो एक प्रकार का गठिया रोग ही होता है जिसमें शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द रहने लगता है। यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना किडनी में आई खामी की तरफ इशारा करता है, यह किडनी खराब होने का लक्षण माना जाता है।

गाउट होने के क्या कारण है?

गाउट होने का साफ कारण है किडनी में समस्या। जब रक्त में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा हो जाए और ऊतकों (tissues) में यूरिक एसिड क्रिस्टल बनने लग जाते हैं, तो व्यक्ति को गाउट की समस्या हो जाती है। जोड़ो में यूरिक एसिड क्रिस्टल इकट्ठा होने से दर्द, लालिमा आना, जलन व सूजन जैसी कई समस्याएं होना शुरू हो जाती है। यूरिक एसिड सामान्य रूप से हमारे शरीर में पाया जाता है। इसका निर्माण शरीर में मौजूद प्रोटीन के टूटने से होता है। शरीर के रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने यानि गाउट की समस्या होने के निम्नलिखित कारण है :-
·         मोटापा,
·         दवाओं का अधिक सेवन करना, जिसमे डियूरिटिक्स (diuretics) जैसी कुछ दवाएं शामिल है,
·         लंबे समय से किडनी की कार्य क्षमता में कमी आना,
·         सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन के लिए उपयोग की जाने वाली चतुर्थ कॉन्ट्रास्ट डाई के कारण से गाउट की समस्या होती है,
·         वंशानुगत के कारण, अगर किसी व्यक्ति के माता-पिता या पहले किसी व्यक्ति को यह समस्या रही हो तो उस व्यक्ति को इस समस्या के होने की संभावनाएं किसी अन्य के मुकाबले काफी ज्यादा होती है,
·         सर्जरी होने के कारण,
·         कोई गंभीर चोट लगने के कारण,
·         निर्जलीकरण (dehydration),
·         ज्यादा समय तक भूखे रहने के कारण।

यूरिक एसिड बनने के पीछे कुछ जोखिम कारक भी है, जोकि निम्नलिखित है :-

1.       शराब या विशेष रूप से बियर का अधिक सेवन करने से गाउट होने की संभावना बढ़ जाती है।
2.       उच्च रक्तचाप का उपचार करने वाली कुछ दवाएं खून में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती हैं। यह दवाएं गाउट के लिए जोखिम कारक बन सकती हैं।
3.       कैंसर को खत्म करने के लिए की गई कीमोथेरेपी भी गाउट होने का कारण बन सकती है, क्योंकि इसके द्वारा नष्ट हुई कैंसर कोशिकाएं उच्च मात्रा में यूरिक एसिड बनाती है और यह गाउट का कारण बना जाती हैं।
4.       अगर आप अपने आहार में लाल मांस (red meat), समुद्री आहार (शेलफिश, और तेलयुक्त मछली) और ज्यादा मीठे फलों से बनी चीनी (फ्रुक्टोज) का अधिक सेवन करते हैं तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है और नतीजा गाउट की समस्या हैं।
5.       आयु और लिंग के आधार पर भी गाउट की समस्या होती है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में गाउट की समस्या अधिक होती है। क्योंकि पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर महिलाओं के मुकाबले अधिक होता है। हालांकि रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं का यूरिक एसिड स्तर पुरूषों की ही तरह हो जाता है। आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच पुरुषों में गाउट होने की संभावना अधिक होती है, जबकि महिलाएं रजोनिवृत्ति के बाद इस तरह के लक्षण और संकेत विकसित करती हैं।

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