बेकिंग सोडा कैसे है किडनी के लिए लाभकारी?


किडनी मानव शरीर का एक अति महत्वपूर्ण अंग है, यह अंग रक्त शोधन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को करता है। किडनी शरीर से अपशिष्ट उत्पादों, अतिरिक्त क्षार, और अम्ल जैसे रसायनों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है। किडनी के इस कार्य से शरीर का उचित विकास बिना किसी रूकावट के साथ होता है, अगर किडनी अपना यह कार्य ठीक से ना करे तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

क्रोनिक किडनी रोग में किडनी धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता को खो देती है। किडनी अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे रक्त से अतिरिक्त अपशिष्ट और पानी को निकालने में मदद करते हैं। साथ ही वह पोटेशियम, सोडियम और कैल्शियम  जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को संतुलित करने में मदद करते हैं। एक अनुसंधान से पता चलता है कि बेकिंग सोडा सीकेडी की प्रगति को धीमा कर सकता है।

इस प्रकार बेकिंग है लाभदायक :-
क्रोनिक किडनी रोग से जूझ रहे 134 वयस्कों के साथ एक अध्यन में यह बात सामने निकल कर आई है। अध्यन में यह पाया गया कि सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) की खुराक लेने वाले रोगियों की किडनी खराब होने की गति अन्य रोगियों से 36% कम थी। अन्य 33 रोगियों को बेकिंग सोडा की खुराक नहीं दी गयी थी उनकी किडनी खराब होने की गति सामान्य थी। इस यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण में पाया गया कि क्रोनिक किडनी रोग और मेटाबोलिक एसिडोसिस (निम्न रक्त बाइकार्बोनेट / उच्च रक्त अम्लता) वाले लोगों को दो साल की अवधि में मौखिक बाइकार्बोनेट की खुराक से लाभ हुआ।
सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) से किडनी का उपचार करने के लिए आप रोजाना आधा चम्मच बेकिंग सोडा को पानी में मिला कर पिने से लाभ होगा। यह आपकी किडनी की सफाई करने में मदद करता है, जिससे किडनी को राहत मिलती है और वह अपना कार्य करने में समर्थ हो पाती है। आप आप चिकित्सक की सलाह से बेकिंग सोडा की मात्रा बढ़ा या घटा सकते है।
किडनी खराब होने के क्या कारण है?
किडनी खराब होने के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके पीछे कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है
उच्च रक्तचाप - किडनी खराब होने के पीछे उच्च रक्तचाप सबसे बड़ा कारण माना जाता है। रक्त में सोडियम की मात्रा अधिक हो जाने पर व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होने लगती है। उच्च रक्तचाप के कारण शरीर में रक्त प्रवाह में समस्या होती है। रक्त में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण किडनी को रक्त शुद्ध करने के दौरान फिल्टर्स पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है।
मधुमेह - मधुमेह किडनी खराब होने का मुख्य कारण माना जाता है। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, शर्करा से भरे हुए रक्त को शुद्ध करते समय किडनी के नेफ्रोन पर दबाव पड़ता है। किडनी के नेफ्रोन पर लगातार दबाव पड़ने के कारण किडनी खराब हो जाती है। अगर किडनी रोगी मधुमेह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो उन्हें रक्त शर्करा को काबू में रखना चाहिए।
मूत्र विकार - पेशाब से जुड़ी सभी समस्याएं सीधे किडनी से जुड़ी हुई हैं। पेशाब कम आना या पेशाब ज्यादा आना दोनों किडनी में समस्या की तरह इशारा करते हैं। इसके आलावा पेशाब का रंग बदला, जलन होना, गंध आना यह सभी मूत्र संक्रमण की इशारा करते हैं। सही समय पर उचाप ना मिलने पर इस बीमारी के कारण किडनी खराब हो जाती है।
किडनी खराब होने पर इसकी कैसे पहचान की जा सकती है?
किडनी खराब होने में एक लम्बा समय लेती है। इसमें महीनों से लेकर सालों तक समय लग सकता है। लेकिन किडनी खराब होने के दौरान इसके संकेत शरीर में दिखाई देने लगते हैं। शुरुआत में इसके संकेत या लक्षण आम सी बीमारी जैसे प्रतीत होते हैं लेकिन यह सम्स्य के साथ बढ़ने लगते हैं। जैसे-जैसे किडनी और अधिक खराब होने लगती है किडनी खराब होने के लक्षण साफ-साफ दिखाई देने लाह जाते हैं। इस जानलेवा बीमारी में निम्नलिखित संकेत शरीर में देखे जाते हैं :-
·         पेशाब में खून आना
·         पेशाब में प्रोटीन का आना
·         अचानक बेहोश हो जाना
·         बार-बार उल्टी आना
·         पेशाब करने में दिक्कत होना
·         शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
·         आंखों के नीचे सूजन
·         कंपकंपी के साथ बुखार होना
·         पेट में दर्द
·         गंधदार पेशाब आना
·         पेशाब में खून आना
·         अचानक कमजोरी आना
·         पेट में दाई या बाई ओर असहनीय दर्द होना
·         नींद आना
·         कमर दर्द होना
·         सांस लेने में तकलीफ
·         भूख की कमी
अगर आप या आपका कोई प्रिय उपरोक्त लिखे किडनी खराब होने के लक्षणों से जूझ रहा है तो तुरंत कर्मा आयुर्वेदा से संपर्क कर आयुर्वेदिक उपचार शुरू करे।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

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