इन उपायो से हो सकती है किडनी ठीक!


किडनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित बनाए रखती है और हार्मोन बनने की प्रक्रिया में भी मदद करती है। किडनी शरीर में सीने की हड्डियों के नीचे रीढ़ के दोनों और दो छोटे से अंग में मौजूद होती है। इसे अच्छे आहार लेने और पर्याप्त पानी पीने से आपकी किडनी ठीक रहती है। स्वस्थ किडनी रक्त को साफ करती है और बेकार चीजों को यूरिन के जरिए शरीर से बाहर कर देते हैं। यदि किडनी ऐसा न करें तो अधिक समस्याएं पेदा होने लगती है। घर में प्राकृतिक तरीकों से किडनी को सेहतमंद रखने के कई तरीके हैं। इससे किडनी मजबूत भी बनती है और उनमें विषैले तत्व जमा नहीं होते हैं। ये कुछ तरीको से आपकी मदद कर सकते हैं।

इन तरीको से करें किडनी को ठीक –

जो लोग स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी तरह की खतरनाक जटिलता का सामना करते हैं, उन्हें अपने आहार में आवश्यक बदलाव करने के लिए कहा जाता है। यह एक कठिन कार्य हो सकता है, लेकिन दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने और तेजी से हुई क्षति को ठीक करने के लिए काम करने की आवश्यकता है। यह कुछ आहार प्रतिबंध है किडनी की बीमारी के अधिकांश मरीजों को सही आहार लेने की सलाह दी जाती है जैसे –
·         पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं - पानी को योग्य पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से आपकी किडनी से जुड़ी कई समस्याओं से बचा जा सकता है, इसलिए हर रोज 7 से 8 गिलास पानी पीना जरूरी होता है। अधिक पानी पीने से आपको पसीना और पेशाब अधिक आता है, जो कि टॉक्सिन्स की सफाई करता है।
·         कैफीन और एल्कोहल का सेवन न करें - किडनी के स्वास्थ्य के लिए एल्कोहल का सेवन करना बिल्कुल अच्छा नहीं होता है, इसलिए एल्कोहल का सेवन जितनी जल्दी हो सके, छोड़ दें। साथ ही कैफीन भी आपके स्वास्थ्य के लिए उचित तत्व नहीं हैं, इसलिए इसका सेवन सीमित ही करें।
·         प्रोटीन का सेवन कम करें - हाई प्रोटीन फूड्स आपकी किडनी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इनके सेवन से आपको किडनी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए किडनी को डिटॉक्स करने के लिए अपनी डाइट में हाई प्रोटीन युक्त आहारों को शामिल न करें या नियंत्रित मात्रा में ही इनका सेवन करें।
·         एप्पल साइडर विनेगर - भोजन करने से पहले आधा कप पानी में 4 से 6 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर सेवन करें। एप्पल साइडर विनेगर में मौजूद एसिडिटी आपकी किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करती है।
·         रोज योग करें - प्रतिदिन योग करने से आपका शरीर फीट रहता है और आप कई तरह की बीमारियों से बचे रहते हैं। किडनी को डिटॉक्स करने के लिए भी योग करना बेहद जरूरी है। योग करने से किडनी समेत आपके सभी अंगों तक ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
·         हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें - हरी सब्जियां पोषण से भरपूर होती है। साथ ही इसके सेवन से आपके शरीर में ऑक्सलेट का स्तर कम होता है, क्योंकि हरी सब्जियों में मैग्नीशियम और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इससे आपको किडनी को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
·         ग्रीन टी पिएं - बाजार में किडनी साफ करने वाली चाय उपलब्ध है। इसका नियमित रूप से सेवन करना किडनी को ठीक करता है। नेटल चाय, डैनडेलियन चाय और तुलसी चाय यह कुछ ऑर्गेनिक चाय है, जो कि आपकी किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है। नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर करने में मदद करती है। आप दिनभर में दो कप ग्रीन टी ले सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार। 
·         हल्दी - लो यूरिन वॉल्यूम, रीनल फेल्योर और कुछ सामान्य इंफेक्शन के इलाज में हल्दी का इस्तेमाल होता है। इसके कई फायदे हैं जैसे - इंफेक्शन के खतरे को घटाता है, सूजन कम करता है, किडनी की पथरी को बनने से रोकता है और हल्की किडनी सिस्ट को भी ठीक करता है।
·         अजवाइन - अजवाइन के सेवन से शरीर में अतिरिक्त पदार्थों को बाहर करने में सहायता मिलती है और यह किडनी के कार्य को करने में मदद करती है। यह किडनी में बेकार चीजें जमा होने से रोकती है। अजवाइन की जड़ से मूत्र अधिक बनता है, जिससे अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। किडनी को सक्रिय करने वाले टॉनिक के रूप में भी जाना जाता है। इसमें पोटेशियम और सोडियम भी अधिक होता है।
·         अदरक - अदरक का उपयोग दवा के रूप में सालों से होता आ रहा है। इसमें मौजूद जिन्जेरॉल्स एक सक्रिय यौगिक और एंटीबैक्टीरियल एजेंट है, जो किडनी में बैक्टीरिया को फैलने से रोकता है और सूजन को कम करता है।
किडनी की बीमारी में इन उपायो के साथ अपनाएं आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां अपने सुंगंधित या औषधीय गुणों के लिए भोजन, स्वाद, दवा या सुगंध के लिए इस्तेमाल होती है। यह जड़ी-बूटियां पेड-पौधे के हरे पत्ते या फूलों वाले हिस्से को संदर्भित करती हैं, जबकि मसालें पौधो के अन्य भागों से बने होते हैं, जिसमें बीज, छोटे फल, जड़ और फल शामिल होते हैं। जड़ी-बूटियों के अनेक औषधीय व अध्यात्मिक इस्तेमाल होती हैं। यह जड़ी-बूटी के सामान्य इस्तेमाल पर पाक संबंधी जड़ी-बूटियां और औषधीय जड़ी-बूटियां और औषधीय जड़ी-बूटियां अलग है। आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इस रोग को हमेशा के लिए खत्म करने की ताकत मौजूद है, जबकि एलोपैथी दवाओं में बीमारी से कुछ समय के लिए राहत भर ही मिलती है। लेकिन आयुर्वेद में बीमारी को खत्म किया जाता है। आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से निदान पाया जा सकता है। आज के समय में कर्मा आयुर्वेदा प्राचीन आयुर्वेद के जरिए किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है।
दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन आयुर्वेदाचार्य कर रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी के मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है जिससे रोगी जल्द स्वस्थ हो सकें। 


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