डायलिसिस से नहीं हुई किडनी ठीक


नमस्कार, मैं सौरभ हूँ मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ। मैं कई वर्षों से हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से जूझ रहा था, जिसके कारण मेरी किडनी खराब हो गई थी। जब मेरी किडनी खराब हुई तो मुझे बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा ठा। लेकिन आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ, क्योंकि मैंने एलोपैथी दवाओं को छोड़ कर आयुर्वेदिक दवाओं का चयन किया।

हुआ यूँ कि मैं कई वर्षों से हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से जूझ रहा था तो मैंने इसे काबू करने के लिए दवाएं खान शुरू कर दिया, जिससे मुझे इस समयसा में काफी आराम मिलता था। लेकिन मैं इन दवाओं का आदि बन चूका था, जिस बारे में मुझे भी खबर नहीं थी। इस बात कि खबर मुझे उसी लगी जब मैंने देखा कि अब मेरा ब्लडप्रेशर ठीक रहता तो मैंने दवाएं लेना बंद कर दिया और महीने भर में ही मेरा ब्लडप्रेशर फिर से हाई रहने लगा।

मैंने एक बार फिर से ब्लडप्रेशर के लिए दवाएं लेना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद मैंने देखा कि मेरी भूख काफी कम होती जा रही है, जिसके लिए मैंने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि ज्यादा मत सोचिये ऐसा होता रहता है। लेकिन मेरी किडनी खराब होने शुरुआत थी, कुछ ही दिनों बाद मेरी शरीर के कई अंगों में सूजन आ गई। सूजन आने के कारण मुझे चलने फिरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। मैंने इसके लिए दावा लेना शुरू तो किया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।

मेरी परेशानियाँ दिन-बे-दिन बढती जा रही थी, अब मुझे बार-बार उल्टियाँ आने लगी थी जिसके कारण मैं काफी कमजोर होता जा रहा था। मेरी हालत को देखते हुए घर वालों ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया तो वहां पर डॉक्टर ने मुझे बहुत से टेस्ट करवाने को कहा। क्योंकि उस दिनों मेरा ब्लडप्रेशर काफी हाई था। टेस्ट की रिपोर्ट्स आने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि मेरी किडनी खराब हो गई है और डॉक्टर ने मुझे डायलिसिस करवाने कि सलाह दी।

उस समय मेरा क्रेतिनिने लेवल 7.8 था, जिसको देखते हुए डॉक्टर ने अगले दिन से ही मेरा डायलिसिस करना शुरू कर दिया। मैंने महीने भर तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया लेकिन मुझे कोई लाभ नहीं मिला। मैंने करीब 7 से 8 बार डायलिसिस करवाया लेकिन मेरा क्रिएटिनिन लेवल 7.8 से घटकर कभी 6 हो जाता तो कभी 7 हो जाता, मुझे अब तक समस्या आ चूका था कि मुझे इससे कोई आराम नहीं मिलना वाला है।

मैंने हॉस्पिटल से अपनी छुट्टी करवा कर घर आ गया और डायलिसिस अक्र्वाने से एक दम इंकार कर दिया। जिसके कारण मेरी हालत और भी ज्यादा खराब होने लगी लेकिन मैं अपनी बात पर अड़ा रहा। कुछ दिनों बाद मेरे एक रिश्तेदार मुझसे मिलने आए तो उनको इन सबके बारे में पता चला, तो उन्होंने मुझे आयुर्वेदिक दवाएं लने एको कहा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में एक आयुर्वेदिक अस्पताल है किडनी फेल्योर के लिए।

मेरे रिश्तेदार ने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा के नाम से एक आयुर्वेदिक अस्पताल है, जो कि किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं देते हैं। उन्होंने आगे बाते कि कर्मा आयुर्वेदा में किडनी रोगी का डायलिसिस नहीं किया जाता किडनी को केवल दवाओं के सहारे से ही ठीक किया जाता है। मुझे उनकी बात पर विश्वास हुआ तो मैंने दिल्ली जाने का मन बना लिया। एक दो दिनों बाद मैं दिल्ली आ गया और सीधा कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल पहुंचा।

कर्मा आयुर्वेदा में मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई, ये इस अस्पताल के निदेशक है। मैंने डॉक्टर को अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई तो उन्होंने मुझे कहा कि आप जल्द ही ठीक हो जाएंगे, बस आपको कुछ महीने ही दवाएं खाने कि जरुरत है। डॉ. पुनीत धवन ने मुझे आयुर्वेदिक दवाओं के साथ रोज योग करने की सलाह भी दी।

मैंने उनकी दवाओं को ठीक समय पर लिया और उनकी सारी बाते भी मानी। महीने भर में ही मुझे अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगा और मेरा क्रिएटिनिन 7 से घटकर 3 तक आ गया। मैंने केवल तीन महीने तक ही दवाएं ली और आज मैं एक दम स्वस्थ हूँ और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा हूँ।



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