मेरा नाम राहुल सिंह है और मैं कानपूर से आया हूं और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूं।
मेरा नाम राहुल सिंह है और मैं कानपूर से आया हूं और एक प्राइवेट
कंपनी में जॉब करता हूं। मेरी लाइफ एक दम सही चल रही थी लेकिन कुछ समय से ना जाने
क्यों मुझे बहुत थकान सी रहने लगी, मुझे लगा की
ऑफिस में सारा दिन बैठे रहने की वजह से ये थकान और कमर दर्द है। मैंने सिकाई और
अच्छे से नींद लेने लगा, लेकिन मेरी
समस्या में कोई सुधार नर नहीं आ रहा था। मैंने फिर डॉक्टर को अपनी सभी परेशानियों
के बारे में बताया तब उन्होंने मुझे कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दी।
टेस्ट के रिजल्ट मेरे लिए चौकाने वाले थे क्योंकि कमर दर्द और थकान
जैसी आम समस्या कारण किडनी की बीमारी निकलेगी ये बिल्कुल नहीं सोचा था। इसके अलावा
डॉक्टर ने मुझे बताया कि जब किडनी लंबे समय से ख़राब होने लगती तब धीरे-धीरे कुछ
लक्षण नज़र आने लगते हैं जैसे पेशाब से जुड़ी कोई समस्या जिसमें जलन,
दर्द, खून या प्रोटीन आना शामिल है। इसके
सिवा कमर दर्द, सर दर्द, उल्टी
या जी मचलना, थकान और कमजोरी जैस लक्षण नजर आते हैं।
उन्होंने ये कहा कि मेरा क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ है और जल्द से जल्द इलाज शुरू कर देना
चाहिए, नहीं तो जान भी जा सकती है।
मैं डॉक्टर की इन बातों को सुनकर घबरा गई थी। उन्होंने मुझे इसका
डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट बताया। साथ ही उन्होंने मुझे सही पर आयुर्वेदिक
इलाज शुरू करने की सलाह दी। कहा कि एलोपैथी में इस बीमारी को सॉल्यूशन नहीं है। तब
मैंने ऑनलाइन किडनी के लिए आयुर्वेदिक उपचार के बारे में सर्च करना शुरू कर दिया।
मुझे सबसे ऊपर कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला। मैंने यहां कॉल करके
अपॉइंटमेंट बुक कर दी।
जब अगले दिन मैं अपने भाई के साथ कर्मा आयुर्वेदा पहुंची, तब हमारी
मुलाकात डॉक्टर पुनीत धवन से हुई। जिन्होंने हमारी बात को ध्यान से सुना और अपने
ट्रीटमेंट के बारे में समझाया। उनके ट्रीटमेंट में शामिल था,आयुर्वेदिक
दवाइयों का सेवन करने के साथ योगासन करने होंगे साथ ही उनके द्वारा दिए गए डाइट
चार्ट को फॉलो करना होगा। मैंने उनकी सारी बाते मानी और सिर्फ 6 महीनों में ही मेरी
समस्या ठीक हो गई। ये मेरे लिए एक चमत्कार से कम नहीं था और मेरा विश्वास जो
आयुर्वेद पर था, उसका ही नतीजा है कि आज में एक दम
स्वस्थ हो पाई। डॉक्टर पुनीत धवन ने मुझे भविष्य के लिए किडनी को स्वस्थ
रखने के लिए कुछ टिप्स दी, जिसका आज तक मैं
पालन करती आ रही हूं। अगर मैं 1000 बार भी डॉ. पुनीत धवन का धन्यवाद करूं वो भी कम
होगा।