अजीत गायकवाड़
मेरा नाम अजीत गायकवाड़ है और मैं मुंबई,
महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। अगर कोई मुझसे पूछेगा कि भगवन कहां रहता है तो मैं
उसे दिल्ली का पता दूंगा। आप भी सोच रहे होंगे कि मैं ये क्या बोले जा रहा हूँ।
अगर आप किडनी कि बीमारी से जूझ रहे होते और सब जगह से हार मान कर डॉ. पुनीत धवन से
मिले होते तो आप भी शायद यही कहते। लेकिन जो मेरे साथ हुआ वो किसी के साथ ना हो, डॉ.
पुनीत धवन ने मुझे नया जीवन दिया है इसलिए उन्हें भगवन कहना गलत नहीं होगा।
कुछ समय पहले कि बात है जब मेरी दोनों किडनियां
खराब हो चुकी थी, जब मुझे इस बारे में पता चला तो मेरे पैरों के तले से जमीन खिसक
गई थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करू, किस्से मदद मांगू? रोग तो
मुझे हुआ था तो सहन मुझे ही करना था, लेकिन इस खबर से मेरा पूरा परिवार सदके में
था। मेरे बच्चों और पत्नी इस बात को मान चुके थे कि मैं अब बस कुछ दिनों का ही
मेहमान हूँ। लेकिन हमने अभी उम्मीद का दामन छोड़ा नहीं था, मुझे मेरे परिवार ने यकीन
दिलाया कि हम इस बीमारी से साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।
मैंने इस बीमारी से लड़ने कि ठानी और इसके लिए
मैंने मुंबई के बड़े-बड़े होस्पिटल में गया। कई होस्पिटल में घुमने के बाद मुझे एक
बड़े और महंगे होस्पिटल पर यकीन हुआ कि हाँ, यहाँ मैं एक दम फिर से ठीक हो जाऊँगा।
वहां के डॉक्टर्स ने मुझसे एक मोटी रकम जमा करने को बोला ताकि मेरा ट्रीटमेंट शुरू
किया जा सके। सबसे पहले उन लोगों ने मुझे कुछ दिनों कि दवा दी, लेकिन दवाओं से
मुझे कोई खास आराम नहीं पड़ा या यूँ कहूँ कि रत्ती भर भी आराम नहीं मिला। फिर कुछ
दिनों बाद उन लोगो ने मुझे डायलिसिस करवाने कि बात कह दी।
डायलिसिस की बात सुनते ही मेरी पत्नी काफी सहम
गई, क्योंकि वह कुछ समय के लिए नर्स कि जॉब कर चुकी थी तो उसे पता था कि यह किस
दौरान किया जाता है। दो महीने लगातार डायलिसिस करवाने के बाद भी मुझे कोई आराम
नहीं मिल रहा था। मैं अंदर तक टूट चूका था, कुछ ऐसा ही हाल मेरी पत्नी का भी था,
लेकिन हम दोनों इसे कभी ज़ाहिर नहीं होने दिया। एक तरफ मेरी तबियत में कोई सुधार
नहीं हो रहा था वहीं दूसरी तरफ पैसे भी पानी कि तरह बह रहे थे।
एक रात जब मेरा डायलिसिस चल रहा था तो कमरे के
बाहर मेरी पत्नी किडनी फेल्योर के लिए ट्रीटमेंट ढूंड रही थी, तभी उसे कर्मा
आयुर्वेदा के बारे में पता चला। उसने कर्मा आयुर्वेदा कि वेबसाइट और यूट्यूब चैनल
को पूरी तरह से देखा। उसे वहां से पता चला कि बिना डायलिसिस किये ही किडनी को ठीक
किया जा सकता है। पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब उसने मुझसे इस बारे में
बताया तो मैंने उसको बोला जो होगा देखा जायगा एक बाद दिल्ली चलते हैं और कर्मा
आयुर्वेदा से इसका इलाज लेते हैं। हम दोनों कुछ दिनों बाद कर्मा आयुर्वेदा आए और डॉ.
पुनीत धवन से मिले। डॉ. पुनीत धवन से मिलकर हमें एक उम्मीद कि किरण नज़र आई।
कर्मा आयुर्वेदा ने मुझे पहले 2 महीने कि आयुर्वेदिक
दवा दी और साथ ही डाइट प्लान भी दिया। मैंने उन दवाओं को अच्छे से लिया और डाइट को
भी ठीक फोलो किया। मुझे बस एक सप्ताह में ही अपने अंदर सुधार होता नज़र आने लगा।
मैं खुद को काफी रिलैक्स फील कर रहा था। मैंने पूरी दवा भी नहीं ली थी लेकिन उससे
पहले ही मेरी खराब किडनी ठीक होने लगी। आज उन बातों को दो महीने बीत चुके है और आज
मैं एक दम ठीक हूँ। मैं उन दिनों को याद नहीं करना चाहता और सबको यही सलाह देता
हूँ कि अगर किडनी खराब है तो कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन से मिले।