रोहित सिंह
मेरा नाम रोहित
सिंह है और मैं उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ। अपनी जॉब के लिए मैं पिछले 2 साल से
दिल्ली में रह रहा हूँ। मैं आई.टी कंपनी में नौकरी करता हूँ, जहाँ कभी भी जॉब
शिफ्ट बदल जाती है। मुझे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि मेरी छोटी-छोटी आदतें, मेरी
किडनी ख़राब होने की वजह बन जाएगी। काम के चक्कर में कई बार देर तक बैठे रहने की आदत
की वजह से मैं यूरिन करने के लिए आलस कर जाता था तो कई बार पूरा पूरा दिन पानी
पीने का टाइम तक नहीं मिल पाता था। ऊपर से मेरी स्मोकिंग की आदत ने तो मेरी समस्या
में चाँद चाँद लग दिए थे।
अपने घर से दूर
फ्लैट में रहने की वजह से अक्सर मैं बाहर से खाना खाया करता था, जो धीरे-धीरे मेरी समस्या को बढ़ा रहा था। 3 महीने पहले शाम के समय यूरिन करते
समय में मुझे यूरिन के साथ खून नज़र आया, मैं बहुत घबरा गया था। मैं
तुरंत बैग पैक किया और घर के लिए निकल गया, रस्ते भर मन
में बहुत से सवाल चल रहे थे जिनका मेरे पास कोई जवाब नहीं था। परेशानी की वजह से
मेरा गला सूखे जा रहा था और मैं पानी पिए जा रहा था। जैसे ही मैं घर पंहुचा तुरंत
यूरिन पास करने गया, तो फिर से मुझे खून नज़र आया।
मैं बहुत ज्यादा
घबरा गया था, मैंने फटाफट अपना फ़ोन निकालकर गूगल पर यूरिन
में खून आने के बारे में सर्च किया, जहाँ मुझे इस लक्षण का मतलब किडनी की बीमारी
से जुड़ा मिला। मैंने अपने आपको शांत करने की कोशिश करते हुए, किडनी की बीमारियों के बारे पढ़ना शुरू किया। जहाँ मुझे डायलिसिस और किडनी
ट्रांसप्लांट जैसे आप्शन दिखाई दिए, जिनको पढ़ने के बाद मेरी रूह कप गयी। इतना
मंहगा और दर्दनाक ट्रीटमेंट से गुज़ारना पड़ेगा, साथ ही लाइफटाइम के लिए दवाई पर
जीना पड़ेगा। मैं कोई ऐसा इलाज चाहता था जो जड़ से इस बीमारी को ख़त्म कर दें।
मैंने एलोपैथी
ट्रीटमेंट का ख्याल छोड़ते हुए आयुर्वेद को अपनाने के बारे में सोचा। जब मैं
आयुर्वेद में इलाज ढूँढ़ा तो सबसे पहले कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला, मैंने अच्छे से इसके बारे में रिसर्च किया और अगले दिन का अपॉइंटमेंट लिया। मेरी
वहां मुलाक़ात डॉक्टर पुनीत धवन से हुई, जिनको मैंने कल शाम हुए
इंसिडेंट के बारे में बताया। उन्होंने बहुत शांत होकर मेरी सारी बात को सुना और
मेरे से कुछ सवाल किए, जैसे मेरा डेली का रूटीन क्या रहता है? कोई
बीमारी या कोई बुरी आदत? मैंने उनको सब कुछ और सारी
बाते खुलके बताई। उन्होंने मुझे कुछ टेस्ट करवाने कहा और फिर रिपोर्ट के साथ मिलने
की सलाह दी।
मैं सब टेस्ट
करवाने के 3 दिन के बाद सारी रिपोर्ट के साथ उनके पास गया, तो उन्होंने बताया कि
मेरा क्रिएटिनिन 3.3 mg/dl और यूरिया लेवल
39.6 mg/dl
था। ये सब मेरे दिमाग के ऊपर से जा रहा था तब मैंने इनके बारे में सवाल किया कि
आखिर होता क्या है? डॉक्टर पुनीत ने मुझे इन सबके बारे में
सब कुछ समझाया और मेरे सभी सवालों के जवाब देते गए। मैंने उनसे इलाज के प्रोसेस
में डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बारे में पूछा, तब उन्होंने बताया कि वो इन तकनीक का इस्तेमाल नहीं
करते हैं। वो सिर्फ आयुर्वेद पर विश्वास करते हैं, जहाँ वो मरीज
को आयुर्वेदिक दवाई के साथ डाइट चार्ट देते हैं। साथ ही कुछ योगासन करने की सलाह
भी देते हैं। मैं डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना इलाज करने की बात सुनते ही खुश
हो गया और इलाज शुरू करवा दिया।
2 महीनों में ही
मेरी समस्या से मुझे छुटकारा मिल गया। मैंने उनकी दी हुई दवाई को समय से खाया, उनके बताए हुए योगासन किए साथ ही डाइट चार्ट को बहुत मन लगाकर फॉलो किया। जिसका
रिजल्ट मुझे एक नई लाइफ के तौर पर मिला। मैं जितना शुक्रिया अदा करू डॉक्टर पुनीत
धवन का उतना कम है, कर्मा आयुर्वेदा के ज़रिए उन्होंने अब तक 35000
से भी ज्यादा लोगों को किडनी की समस्या से छुटकारा दिलाया है। आज के समय मैं,
मैंने स्मोकिंग छोड़ दी और अपनी नींद पूरी तरह से लेता हूँ। खाना बनाना भी सिख लिया
हैं जिससे बाहर का खाना भी कम ही खाना पड़े। मैंने अपनी आदतों को बदलकर आने वाले
समय के लिए किडनी को स्वस्थ बनाए रखने की कोशिश रखता हूँ क्योंकि हमारे शरीर को
स्वस्थ रखना हमारी ही जिम्मेदारी है।