मुहम्मद शेख
मेरा नाम मुहम्मद शेख समद है, मैं
परली, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। मेरा एक छोटा सा कपड़े का शोरूम है, जो काफी
अच्छा चलता है। लेकिन बीते कुछ महीनों पहले उसके बिकने की नौबत आ गई थी। आप लोग
सोच रहें होंगे कि धंदे में मंदी का दौर है इसलिए ऐसा हुआ होगा। लेकिन ऐसा नहीं
है, मेरी दुकान बिकने के पीछे का कारण है “किडनी”। जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा है, कुछ
महीनों पहले मैं एक जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गया था, मेरी दोनों किडनियां
खराब हो गई थी जिसके कारण मेरी दूकान बिकने की नौबत तक आ गई थी।
दरअसल हुआ यूँ कि दूकान पर संभालने में मैं इतना मशरूफ हो गया था की अपनी सेहत
की ओर कोई ध्यान ही नहीं रख पा रहा था। खाना अक्सर बाहर से आता था, रोज़ तला हुआ और
मसालेदार खाने का आदि हो चूका था। जिससे पेट में अक्सर दर्द रहता था, जिसे में दवा
और कुछ छोटे मोटे तरीकों से ठीक कर लेता था। इतना भर तो ठीक था, लेकिन रात को
अक्सर दूकान बढ़ाने के समय कई दोस्त दुकान पर आते थे और देर रात तक शराब पीते थे।
मैं शराब पीने का एकदम आदि हो चूका था। रोज़ बाहर का खाना खाने और रात को खूब शराब
पीने के कारण मेरी तबियत अक्सर नासाज़ रहने लगी थी।
मैं आसपास के डॉक्टर से दवा लेता था और ठीक हो जाता था और ठीक होने के बाद फिर
से वाही बाहर का खाना और रात को शराब। लेकिन इस बार ऐसा हुआ कि मेरी तबियत कुछ
जयादा ही नासाज़ रहने लगी। मेरी बेगम ने मुझसे कहा कि आपको किसी बड़े डॉक्टर को
दिखाना चाहिए, अब आपकी तबियत कुछ ज्यादा ही बिगडती जा रही है। मैंने मना कर दिया
और बोला रहने दो थोड़ी सी दिक्कत है ठीक हो जाऊँगा।
लेकिन ऐसा हुआ नहीं, मेरे पैरों में सूजन आने लगी, पेशाब करने में दिक्कत भी
आने लगी और भूख का तो अता पता ही नहीं था। बेगम नहीं मानी तो मैंने एक मुंबई के
बड़े अस्पताल में दिखाया। वहां डॉक्टर ने मेरे पुरे शरीर की जांच लिखी और कुछ दवा
देकर शराब से दूर रहने को कहाँ। कुछ रोज़ बाद जब रिपोर्ट आई तो पता चल की शराब पीने
से मेरी दोनों किडनियां खराब हो चुकी है। मेरी बेगम की तो वहीं जान निकल गई थी।
डॉक्टर ने हमने कहा डरने की बात नहीं डायलिसिस करवाओं ये जल्दी ही ठीक हो
जाएंगे। मैंने महीने में 5 से 6 बार डायलिसिस करवाया, उसके अगले महीने 4 से 5 बार।
लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ, फिर एक रोज़ डॉक्टर ने मुझे कहा कि आप अपना किडनी
बदलवा लो, अब आपको ठीक करने का यही एक तरीका है। मैंने इसके खर्चे के बारे में
पूछा तो डॉक्टर ने बताया कि चार से पांच लाख तक का खर्चा आयगा। ये सुनते ही बहुत
दुखी हो गया, क्योंकि इन दिनों दूकान से भी कोई कमाई नहीं हो रही थी। मुझे लगा अब दूकान
को ही बेचना पड़ेगा। लेकिन तभी मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा की तुम एक बार कर्मा
आयुर्वेदा क्यों नहीं जाते? उसने मुझे बताया की दिल्ली में एक होस्पिटल है कर्मा
आयुर्वेदा, जोकि किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट देता है।
मैंने उसकी बात पर थोडा सोचने के बाद दिल्ली आने की ठानी और डॉ. पुनीत धवन से
मिला। डॉ. पुनीत ने पहले तो मुझसे कहा, ठीक तो आप हो जाओगे, लेकिन आपको शराब को
हमेशा के लिए छोड़ना पड़ेगा। मैं उनकी बात को तुरंत मान गया। उन्होंने मुझे तीन
महीने की दवा दी और खाने से लेकर कुछ बाते बताई। बस फिर कुछ दिनों में ही मैं ठीक
होने लगा। दो से तीन महीनो की दवा लेने के बाद ही मैं एक दम ठीक हो गया, अब मेरी
दोनों किडनियां ठीक है। मैं खुदा से दुआ करता हूँ कि कभी किसी की किडनी खराब ना हो
और डॉ. पुनीत धवन यूँ ही सबको ठीक करते रहें।
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