मेरा नाम शिव कुमार है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ
मेरा नाम शिव कुमार है और मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 65 साल है और इस उम्र में किडनी की समस्या होना लोगों के लिए अक्सर आम
बात होती है। मगर मेरे लिए नहीं थी, मैं एक किसान हूँ और मेरे परिवार की जिम्मदारी
मुझ पर ही थी क्योंकि मेरा बेटा नौकरी की तालश में दिल्ली में था। लगातार कमर दर्द
और उल्टी के साथ थकान की समस्या को एक हफ्ते से ज्यादा हो गया था। डॉक्टर से जांच करवाने
के बाद उन्होंने बताया की मेरी किडनी सही से कम नहीं कर पा रही है और डायलिसिस
करवानी की सलाह दी।
मैं एक किसान इतने पैसे हर हफ्ते खा से लता और इस बारे में
मैंने अपने परिवार से बात करने का फैसला किया। अपने बेटे को वापिस बुला लिया और
परिवार को सब बताया, मेरे बेटे ने कहा की भारत में जन्म लेने के बाद इन अंग्रेजी
दवाइयों का चक्कर में क्यों पड़ना? आयुर्वेदिक उपचार ढूँढने की कोशिश करते हैं।
उसने हर जगह अपने दोस्तों और मैंने रिश्तेदारों से बात करना शुरू किया तो उसके
दिल्ली में रहने वाले एक दोस्त ने कर्मा आयुर्वेदा के बारे बताया।
हम अगले दिन सपरिवार दिल्ली पहुंचे और कर्मा आयुर्वेदा से
अपॉइंटमेंट लिया। 2 दिन के बाद की अपॉइंटमेंट मिली और जब वहां पहुंचे तो हमारी
मुलाक़ात डॉक्टर पुनीत धवन से हुई। जिन्होंने मेरी किडनी की बीमारी के बारे में
विस्तार से समझाया और अपने उपचार के बारे में बताया। इलाज से पहले क्रिएटिनिन
लेवल – 6.1mg/dl और यूरिया लेवल 116mg/dl था। साथ ही मुझे कमर
दर्द, उल्टियां होना, कमजोरी आना और भूख भी नहीं लग रही थी। मगर इलाज के 2 महीने में ही क्रिएटिनिन
लेवल घटकर – 4.48mg/dl और यूरिया लेवल घटकर 98mg/dl हो गया। साथ ही मुझे मेरी सारी समस्या से छुटकारा मिल गया।
मेरा परिवार खुश था और मैं चिंता से मुक्त! मेरे लिए कर्मा आयुर्वेदा के डॉक्टर
पुनीत धवन भगवन के सामान है उन्होंने मेरी जान के साथ साथ लाखों रुपया डूबने से
बचा लिया।
कर्मा आयुर्वेदा किडनी से जुड़ी हर समस्या के लिए एक आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था। आज के समय में इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है।